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वेदों का सर्व-युगजयी धर्म

वेदों की मूलभूत अवधारणा

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जैसे पदार्थ एवं उर्जा को अलग-अलग अविनाशी एवं मात्र रूप बदलने वाला माना गया था परन्तु ये सापेक्षता (रिलेटिविटी) के सिद्धांत द्वारा सम्बद्ध कर दिए गए, उसी प्रकार अचेतन एवं चेतन को भी वेद-ज्ञान सम्बद्ध कर देता है । अर्थात् चेतन को अचेतन और अचेतन को चेतन में परिवर्तित किया जा सकता है । यह वेदों के प्रयोग से संभव है । जैसे पदार्थ को उर्जा में बदलने के लिए एक परमाणु बम में क्रांतिक मात्रा में रेडियो-एक्टिव पदार्थ चाहिए, वैसे ही अचेतन को चेतन में बदलने के लिए जो संरचनाएं चाहिए उनका वर्णन वेदों में प्राप्त होता है । अधिक क्या कहें वेद मानव मात्र के कल्याण के लिए ईश्वर का अनमोल उपहार है ।

पुस्तक के मुख्य विषय १. वेद का निहितार्थ , २. वेद की मूल अवधारणा, ३....

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  • OverDrive Read
  • EPUB ebook

Languages

  • Hindi

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